- December 25, 2022
गुरुजनों के प्रति आदर रखना ही उनका सम्मान, ताउम्र न भूलें छात्र
ट्राई सिटी एक्सप्रेस। न्यूज
भिलाई। बीआईटी दुर्ग 1997 बैच के सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन को संबोधित करते हुए राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि आपको मिलने वाला पैकेज महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भी बड़ी चीज है संस्कार। आपने जिन लोगों से शिक्षा ली, जिन्होंने आपके निर्माण के महत्वपूर्ण वर्षों में आपकी समझ को विकसित करने में मदद की। उन्हें याद रखना, उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना, बहुत जरूरी चीजें हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जब अपने गुरुजनों के प्रति इन पूर्व छात्रों का आदर देख रही हूँ तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और यह लग रहा है कि उन्होंने अपने करियर में भी तरक्की की है और अपने संस्कारों को भी संभालकर रखा है। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने बीआईटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कही। राज्यपाल ने कहा कि युवावस्था अपने को निखारने का स्वर्णिम वक्त होता है और ऐसे में जिस संस्थान में उनकी ऊर्जा को सकारात्मक रूप दिया जाता है वो संस्थान उनके लिए पुण्यभूमि से कम नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि अपने गुरुजनों को हमेशा सम्मान दें। मेरी पढ़ाई जहां हुई, वहां मैं अक्सर जाती हूँ। अपने गुरुजनों की सीख की वजह से आज मैं यहां हूँ। मैंने अपने जीवन से यह सीखा है कि जब भी आप कोई शुभ संकल्प लेते हैं और उसे पूरा करने कड़ी मेहनत करते हैं तो वो संकल्प पूरा होता है। उन्होंने कहा कि बीआईटी में नवाचारों को हमेशा प्रोत्साहन दिया जाता है। यही वजह है कि 36 बरसों से यह संस्थान लगातार अपनी छवि को कायम रखने में सफल रहा है। इसके पीछे इसके पूर्व विद्यार्थियों का भी बड़ा हाथ है जिन्होंने देश-विदेश में सभी क्षेत्रों में ऊंचा नाम कमाया। ऐसे सीनियर हमेशा अपने आने वाली पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक होते हैं और नई पीढ़ी को भी लगता है कि हमारे लिए भी तरक्की करने के लिए पूरा आकाश खुला है। इस मौके पर संस्थान के मेंबर सेक्रेटरी आईपी मिश्रा ने बताया कि बीआईटी में हमेशा हमारी कोशिश रही है कि पढ़ाई की गुणवत्ता ऊँची दर्जे की रहे, साथ ही इससे जुड़ा हुआ अनुशासन भी ताकि जब विद्यार्थी यहां से पढ़कर निकले तो पूरी तरह अपनी विधा में पारंगत हो। कड़ी मेहनत के बूते यह प्रयास सफल हुए हैं। आज जब 1997 बैच को देखता हूँ तो महसूस होता है कि कड़ी मेहनत के शानदार नतीजे निकलते हैं। संस्थान के डायरेक्टर डा. अरुण अरोरा ने कहा कि बीआईटी के विद्यार्थी दुनिया भर में नाम कमा रहे हैं। यहां तक कि अमेरिका में भी इनका एलुमनी एसोसिएशन बना हुआ है। इस मौके पर प्राचार्य मोहन गुप्ता ने भी अपना संबोधन दिया। इस मौके पर वाइस प्रिंसिपल डा. मनीषा शर्मा भी उपस्थित रहीं। 1997 बैच के छात्र के रूप में बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में पूर्व छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किये।
दोस्तों ने 25 साल पहले बना दिया था विधायक
बिलासपुर से कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि सन 1993 में 12वीं पास करने के बाद बीआईटी में दाखिला लिया था। बतौर हाॅस्टलर उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरु की। चार साल तक सुख-दुख अपने सहपाठियों से बांटा वे लोग कब उनके जिंदगी बन गए। इसका पता ही नहीं चला। शैलेश पांडेय ने आज के कार्यक्रम में शामिल होने पर उन्हे बेहद प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि 1997 में सोवेनियर में दोस्तों ने उन्हें आज का विधायक टाइटल दिया था। आज के कार्यक्रम में दोस्तों ने इस प्रसंग को याद किया। श्री पांडेय ने कहा कि ईश्वर की कृपा माता-पिता के आशीर्वाद आैर गुरुजनों की शिक्षा के वजह से आज वे मुकाम पर पहुंचे थे।
सहपाठियों के बीच बैठक सेलिब्रेसन किया पांडेय ने
सिल्वर जुबली सेलिब्रेसन के दौरान राज्यपाल अनसुइया उइके ने विधायक शैलेश पांडेय की जमकर तारीफ की। मंच संचालन द्वारा श्री पांडेय को मंच पर बैठने का आमंत्रण दिया गया, लेकिन श्री पांडेय अपने सहपाठियों के बीच बैठकर सेलिब्रेसन करते रहे। सहपाठियों के बीच बैठक शैलेश पांडेय पुराने दिनों को ना सिर्फ याद किया बल्कि अपने जीवन के अनुभव को भी साझा किया। सभी सहपाठियों ने अपने क्लास रूम और बीआईटी कैंपस का निरीक्षण भी किया।