- November 27, 2022
उम्र कैद की सजा काट रहा है मिर्जापुर का खूंखार बंदर, महिलाओं को देखकर करता था अभद्र इशारे
ट्राइसिटी एक्सप्रेस
दुनिया में तरह-तरह के जानवर पाएं जाते हैं। जानवर कोई भी हो सभी खतरनाक होते हैं, जिनसे हमें सतर्क रहना चाहिए। वहीं कुछ ऐसे जानवर भी होते है जो समझदार और प्यार के भूखे होते हैं। मिर्जापुर के कालिया बंदर का नाम आपने शायद ही सुना होगा। कालिया कोई आम बंदर नही है। एक समय इसने पूरे मिर्जापुर में अपना आतंक मचा रखा था। कालिया के नाम से न केवल पर्यटक ,महिलाएं और बच्चे ही नहीं बल्कि पूरा वन्य विभाग भी खौफ खाता था। वह अब तक दो सौ पचास लोगों को अपनी हिंसा का शिकार बना चुका है। खाना देते वक्त वह महिलाओं पर झपट्टा मारकर उनके ही मांस का टुकड़ा काट कर निकाल लेता था।
यह खूंखार बंदर अपनी इन हरकतों से बाज आने का नाम ही नही ले रहा था। यहां तक की उसने एक शख्स को ऐसा काटा कि उसकी मौत हो गई। उसकी इन सभी हरकतों को देखते हुए वन्य विभाग ने उसे उम्रकैद की सजा दी। बंदर को मिर्जापुर से पकड़कर कानपुर के प्राणी उद्यान लाया गया जहां वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। हालांकि इससे पहले उसे पांच साल में रखा गया था लेकिन उसमें कोई सुधार नही दिखा।
कालिया के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं
खूखांर कालिया बंदर बीते पांच सालों से कानपुर के प्राणी उद्यान में अपनी उम्रकैद की सजा काट रहा है। लेकिन अभी भी उसकी हरकतों में किसी तरह का बदलाव नही आया है। जबकि वहीं उसके साथ इस उद्यान में और भी कई और साथी जानवर कैद में थे। जिनमें सुधार देखने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया। पशु चिकित्सक डॉक्टर नासिर मोहम्मद नासिर ने बताया कि कालिया को मिर्जापुर से पकड़ा गया था। नासिर के मुताबिक इस बंदर को खुले में नही छोड़ा जा सकता है। इसके सामने के दांत बहुत नुकीले हैं जिसकी मदद से वह लोगों के शरीर से मांस तक उखाड़ लेता है।
महिलाओं को देख करता है अभद्र इशारे
कालिया महिलाओं को देखकर अलग-अलग इशारे करता था और कुछ-कुछ मन में बुदबुदाने लगता था। बंदर को कैद में रहते हुए अब पांच साल हो चुके हैं। लेकिन अभी भी वह महिलाओं को देखकर अभद्र तरह के इशारे करने लगता है। इसके साथ उठकर हमला करने की भी कोशिश करता है। इन सभी व्यवहार को देखते हुए वन्य विभाग उसे कैद से मुक्त नही करने के पक्ष में है।
नशे ने बनाया हिंसक
डॉक्टर नासिर ने बताया कि कालिया बंदर को एक तांत्रिक ने पाला था। जो उसे खाने में मांस और शराब देता था जिसकी वजह से वह तामसी प्रवृत्ती का हो गया था। इसके चलते उसके स्वाभाव में उग्रता, हिसा और खूंखारियत बढ़ती गई। जब तांत्रिक की मौत हो गई तब वह लोगों पर ज्यादा हमलावर हो गया।