• November 30, 2022

जानिए उस क्रॉसिंग के बारे में जहां पर चारों तरफ से ट्रेनों के आने के बाद भी नहीं होती दुर्घटना, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

जानिए उस क्रॉसिंग के बारे में जहां पर चारों तरफ से ट्रेनों के आने के बाद भी नहीं होती दुर्घटना, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

ट्राइसिटी एक्सप्रेस

ट्रेन से यात्रा करते समय आपकी नजर कभी रेलवे ट्रैक की क्रॉसिंग पर तो गई ही होंगी। रेलवे स्टेशन पर कई पटरियां एक दूसरे को क्रॉस करती हुई दिखती हैं। इन्हीं क्रॉस होती पटरियों के सहारे ट्रेनें अपना मार्ग परिवर्तित करती हैं। इन जाल जैसी बिछी पटरियों को ट्रेन के रुट को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित किया जाता है। जिन पर चलकर ट्रेन अपनी मंजिल तक पहुंचती है। इस तरह की क्रॉसिंग में एक डायमंड क्रॉसिंग भी होती है। आइए जानते हैं इसके बारे में

क्या है डायमंड क्रॉसिंग ?

डायमंड क्रॉसिंग रेलवे की पटरियों का एक जाल होता है। जहां कई पटरियां आपस में एक दूसरे को समानांतर रुप से क्रॉस करती हैं। जिस तरह सड़क के चौराहे पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सिग्नल होते हैं, वैसे यह ट्रेनों के लिए रेलवे नेटवर्क होता है। डायमंड क्रॉसिंग को पटरियों का चौराहा भी कहा जाता है। इसमें करीब चार रेलवे ट्रैक होते हैं, जो दो-दो के हिसाब से आपस में एक बार में क्रॉस करते हैं। डायमंड क्रॉसिंग में चारों दिशाओं से ट्रेन आती है और डायमंड क्रॉसिंग की रेल की पटरियों को दूर से देखने में यह डायमंड की आकृति की तरह लगती है, इसी कारण इसे डायमंड क्रॉसिंग कहा जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो हम ऐसे समझ सकते हैं कि, जहाँ भी एक रेलवे लाइन दूसरी रेलवे लाइन को काटती हुई चली जाती है, वहीं क्रासिंग पोर्शन में एक डायमंड जैसा बन जाता है। जिसे डायमंड क्रासिंग कहते हैं।

भारत में हैं इन जगह हैं विशेष क्रासिंग

1. मुड़वारा स्टेशन यार्ड के जबलपुर से कटनी वाले मार्ग पर डायमंड क्रॉसिंग थी। जिसने भारतीय रेलवे को करीब 100 साल से अधिक समय तक अपनी सेवाएं दी हैं। कटनी जिले के मुड़वारा स्टेशन यार्ड के करीब यह डायमंड क्रासिंग को अप्रैल 2018 में रेल विद्युतीकरण के कारण अब बंद कर दिया गया है।
2. नागपुर जंक्शन के करीब भारत का एक मात्र डायमंड क्रॉसिंग है, जो लगातार अपनी सेवाएं कई वर्षों से आज तक दे रहा है। भारत में वर्तमान में सिर्फ नागपुर में ही डायमंड क्रॉसिंग है।

जानें ट्रेन न टकराने के पीछे का कारण

सभी दिशाओं से ट्रेनें गुजरने के बावजूद डायमंड क्रॉसिंग पर ट्रेनें नहीं टकराती हैं। आपको बता दें कि, भारतीय रेल के उत्कृष्ट समय प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) के कारण डायमंड क्रॉसिंग पर कोई दुर्घटना नहीं होती हैं। जिस तरह सड़कों पर चौराहा होता है, जहां चारों तरफ से गाड़ियां आती रहती हैं। ठीक उसी तरह डायमंड क्रॉसिंग पर भी आप चारों तरफ से ट्रेनों को गुजरते देख सकते हैं। डायमंड क्रॉसिंग में चार रेलवे ट्रैक होते हैं, जिससे एक बार में दो-दो के हिसाब से ट्रेनें आपस में क्रॉस होती हैं।

इन रुट के मिलने से बनती हैं डायमंड क्रॉसिंग

नागपुर डायमंड क्रॉसिंग से कई रेलवे लाइन निकलती हैं। यहां से हावड़ा-राउकेला-रायपुर लाइन गुजरती है। वहीं एक ट्रैक दिल्ली की तरफ से आता है। जबकि, दक्षिण की ओर से भी एक ट्रैक आता है। साथ ही एक ट्रैक वेस्ट की तरफ से मुंबई को जोड़ता है। इन सब ट्रेकों के मिलने के कारण यहां डायमंड क्रॉसिंग का निर्माण होता हैं।


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